भारत तुम डरते रहो, चीन युद्ध को तैयार!

लेह/नई दिल्ली/बीजिंग: लद्दाख में चीन द्वारा घुसपैठ के बढ़ते मामलों के बीच उसके सैनिक सीमा पर भारतीय क्षेत्र में पडऩे वाले इस सेक्टर में भारतीय सेना को गश्त करने से रोकने जैसी चालें भी अपना रहे हैं। हालांकि ये चौकियां पूरी तरह भारतीय क्षेत्र में हैं। इस साल अप्रैल से इन अग्रिम चौकियों के लिए 21 बार गश्त शुरू की गई थी और गश्ती दल केवल दो बार ही अपने मिशन को पूरा कर सका।

चीन ने कर ली युद्ध की तैयारी: चीन ने हिमालयी क्षेत्र में हवाई अड्डा बनाने की योजना बना ली है। यह हवाई अड्डा विश्व का सबसे ऊंचा स्थान है। इस असैन्य हवाई अड्डे का निर्माण तिब्बत के नजदीक किया जा रहा है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक 4,411 मीटर की ऊंचाई पर गार्जी तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में निर्माणाधीन दाओचेंग यादिंग एयरपोर्ट सिचुआन प्रांत के तहत आता है।

वाहनों पर सवार होकर सैनिकों को खदेड़ा: पिछले हफ्ते भारतीय सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ऊंचे इलाकों में 14 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित दो चौकियों के लिए उत्तरी लद्दाख के ट्रेड जंक्शन इलाके से अपने गश्त अभियान तिरंगा की शुरूआत की थी और इनके मद्देनजर चीन की ये चालें सामने आ रहीं है जिन्हें उसके आक्रामक प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि भारी और हल्के वाहनों पर सवार होकर आए चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को रोका। सूत्रों ने कहा कि भारतीय गश्ती दल को एक बैनर दिखाया गया जिस पर लिखा था कि यह चीनी क्षेत्र है और वे चौकियों की ओर नहीं बढ़ सकते। सूत्रों के मुताबिक भारतीय गश्ती दल को रोकते समय चीनी सैनिकों का रख आक्रामक था।

तिब्बती क्षेत्र में पांच हवाई अड्डे बना चुका है चीन: चीन तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में अभी तक पांच हवाईअड्डों का निर्माण कर चुका है जो गोंगर, ल्हासा, बांगदा, क्षिगेज और नगारी में स्थित हैं। तिब्बत में हवाईअड्डों के साथ ही रेल व सड़कों का तेजी से विकास किए जाने से भारत में चिंता पैदा हुई है क्योंकि चीन को इन ढांचागत सुविधाओं के माध्यम से अपनी सेना को भारत के नजदीक तैनात करने में मदद मिलेगी। इस बीच, बांगदा हवाईअड्डे का परिचालन कल से बहाल होने की संभावना है। यह हवाईअड्डा मुरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था। इस अड्डे की ऊंचाई दक्षिण-पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र क्वामदो सूबे में स्थित बांगदा एयरपोर्ट से भी अधिक ऊंची बताई जा रही है। बांगदा एयरपोर्ट समुद्री सतह से 4,334 मीटर की ऊंचाई पर है।

भारतीय सैनिकों की पेट्रोलिंग रह रही अधूरी: चीनियों ने एक निगरानी चौकी बना ली है जिससे वे भारतीय जवानों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं और जैसे ही भारतीय गश्ती दल रवानगी के लिए तैयार होता है, चीनी सैनिक बीच रास्ते में उन्हें रोकते हैं और वापस भेज देते हैं। उन्होंने कहा कि चुशूल में बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) की अगली बैठक में इस मामले को उठाया जाएगा।

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